फ्रीलांसिंग में क्लाइंट कैसे मिले – मेरी जर्नी और टिप्स ( How To Get Clients In Freelancing My Journey & Tips )


जब मैंने पहली बार freelancing शुरू की थी, तब मुझे भी यही सबसे बड़ा सवाल था – “clients कहां से आएंगे?” सच बोलूं तो शुरू के कुछ महीने तो बहुत struggle थे। मैंने अपना profile बनाया, skills डाले, और फिर बस wait करता रहा। पर कुछ नहीं हुआ। तब समझ आया कि clients खुद नहीं आते, उन्हें ढूंढना पड़ता है।
आज मैं अपने 3 साल के freelancing experience से जो सीखा है, वो सब आपके साथ share कर रहा हूं। यह कोई perfect guide नहीं है, बस एक दोस्त की तरह बात कर रहा हूं जो खुद इस रास्ते से गुज़रा है।

Truelancer

फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म्स से शुरू करो

सबसे पहला और obvious तरीका है freelancing websites। मैं भी यहीं से start किया था। Upwork, Fiverr, Freelancer.com – ये सब platforms बहुत helpful हैं beginners के लिए। India में Truelancer भी अच्छे option हैं।
Upwork पर मैंने अपना पहला client ढूंढा था। वो एक छोटा सा content writing का काम था, सिर्फ 1200 रुपये का। पर उस experience ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। मैंने profile में अपनी photo लगाई (ढंग की वाली, mobile selfie नहीं!), अपने skills properly लिखे, और portfolio में कुछ sample work डाल दिए।
एक बात याद रखना – इन platforms पर competition बहुत ज्यादा है, खास करके India से। इसलिए शुरू में थोड़े कम पैसे में भी काम करना पड़ेगा। मैंने पहले 5-6 projects में ज्यादा focus पैसों पर नहीं, reviews पर डाला। एक बार अच्छे reviews आ गए, तो clients खुद आने लगे।
Fiverr पर gig बनाना थोड़ा अलग है। यहां आपको clear packages बनाना पड़ता है। मैंने एक mistake की थी – पहले बहुत complicated packages बना दिए। बाद में समझा कि simple और सीधा रखना ज्यादा better है। “मैं 500 words का article 500 रुपये में लिखूंगा” – ऐसे direct gigs ज्यादा काम करते हैं।


सोशल मीडिया की पावर को मत भूलो

ये वाला point मैंने काफी late समझा, और honestly ये मेरी सबसे बड़ी mistake थी। LinkedIn, Twitter, Instagram – सभी platforms पर अपनी presence बनाना बहुत ज़रूरी है।
LinkedIn पर मैंने जब अपनी services के बारे में regularly post करना शुरू किया, तो धीरे धीरे लोग notice करने लगे। मैंने कुछ tips और tricks share किए अपने field के, कुछ projects showcase किए, और देखो – 2 महीने में 3 clients LinkedIn से ही मिले। एक Delhi का startup था, एक Pune की company, और एक Mumbai का entrepreneur।
Instagram भी unexpected जगह है clients के लिए। अगर आप designer हो, photographer हो, या कोई creative काम करते हो, तो Instagram सोने की खान है। एक मेरे दोस्त ने Instagram stories पे अपना portfolio डाला था, और उसको एक Bangalore की company से message आया project के लिए।
Facebook groups भी भूल मत जाना। हर शहर के और हर industry के groups होते हैं जहां लोग freelancers ढूंढते रहते हैं। मैंने अपनी city के “Digital Marketing India” group join किया था, वहां से भी 2-3 अच्छे clients मिले। “Freelancers India”Indian Content Writers” – ऐसे groups बहुत helpful होते हैं।


डायरेक्ट अप्रोच – हिम्मत चाहिए पर काम करता है

ये method थोड़ा daring है, पर इससे बड़े clients मिलते हैं। मैंने एक list बनाई थी उन Indian companies और startups की जो मुझे लगता था कि मेरी services use कर सकते हैं। फिर उन्हें personalized emails और WhatsApp messages भेजे।
पहले 20 messages में से सिर्फ 1 reply आया था। और वो भी “नहीं धन्यवाद” वाला। पर मैंने हार नहीं मानी। अपना message template improve किया, ज्यादा personal बनाया, उनके business को research करके specific solutions suggest किए।
एक example देता हूं – एक Jaipur की chai की दुकान का social media देखा जो बिलकुल बेकार था। मैंने उन्हें WhatsApp पर message किया और बताया कि उनका Instagram और Facebook कैसे improve हो सकता है। उन्होंने reply किया और 3 महीने का project मिल गया। ये approach time लगती है पर quality clients मिलते हैं, जो payment भी time पर करते हैं।


नेटवर्किंग – बाहर भी निकलना पड़ता है|

मैंने बहुत time तक सोचा था कि freelancing मतलब घर बैठे काम। पर networking events attend करना बहुत फायदेमंद होता है। Local meetups, workshops, seminars – जहां भी जाओ, अपने visiting cards ज़रूर रखो (हां, आज भी visiting cards काम आते हैं!)।
एक startup event में Bangalore में गया था, वहां मैंने सिर्फ कुछ नया सीखने की सोच से गया था। पर casual conversation में जब मैंने बताया कि मैं freelance web developer हूं, तो वहीं एक founder ने अपने project के बारे में बात की। उससे 6 महीने का contract मिल गया, लगभग 2.5 लाख का।
कभी कभी local coffee shops या co-working spaces में भी काम करना अच्छा होता है। पता नहीं कब किसी से अच्छी बात हो जाए और connection बन जाए। 91Springboard, WeWork, Innov8 – ऐसे जगह पर लोग networking के लिए जाते हैं।


रेफरल्स – सबसे बेस्ट सोर्स

जितने भी पुराने clients हैं, उनसे हमेशा अच्छा relation रखो। मैंने एक project किया था एक Mumbai के client के लिए, पैसों से ज्यादा उसकी satisfaction पे focus किया। उसने मुझे 4 और clients refer कर दिए अपने network से। उन 4 clients से लगभग 4 लाख की earning हुई 6 महीने में।
एक tip जो मैंने late सीखी – project खत्म होने के बाद भी कभी कभी पूछ लो कि client को कोई और help चाहिए या नहीं। Festival के time wish कर दो – Diwali पे, Holi पे। ये छोटी सी बात बहुत difference डालती है। Indian clients especially relationship value करते हैं।
मैंने एक referral program भी शुरू किया था – अगर कोई मुझे client refer करे तो उसको 10% commission। इससे भी कुछ clients आए। अपने college के juniors को भी बताया था, उन्होंने भी 2-3 leads दीं।


पेशेंस और कंसिस्टेंसी सबसे इम्पोर्टेंट है

सच बताऊं तो पहले 6 महीने बहुत tough थे। कभी लगता था छोड़ दूं और कोई MNC में job ढूंढ लूं। पर मैंने consistency maintain की। हर दिन थोड़ा time देता था client ढूंढने में, proposals लिखने में, networking करने में।
एक बात clearly बता दूं – overnight success नहीं होती freelancing में। धीरे धीरे trust build होता है, portfolio बनता है, और clients आने लगते हैं। मेरे case में लगभग 8-9 महीने लग गए stable income आने में। पहले महीने सिर्फ 5000 रुपये कमा पाया था, अब average 60-70 हज़ार महीना हो गया है।
अब situation ये है कि मुझे clients ढूंढने नहीं पड़ते, वो खुद WhatsApp पर message करते हैं। पर ये सब consistency और patience से ही possible हुआ।


लास्ट में कुछ ज़रूरी बातें

Skills तो चाहिए ही, पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है communication। Indian clients के साथ politely बात करो, उनकी problems समझो, deadlines follow करो। Time पर काम deliver करो – ये बहुत लोगों को नहीं आता और यही आपको अलग बना सकता है।

Portfolio हमेशा updated रखो। मैंने ये mistake की थी कि 6 महीने तक portfolio update नहीं किया। जब एक अच्छा client मिला और उसने portfolio देखा तो पुराना काम दिखा। वो project हाथ से निकल गया, लगभग 80 हज़ार का loss हो गया।
और हां, कभी कभी “NO” बोलना भी सीखो। हर client अच्छा नहीं होता, हर project लेने की ज़रूरत नहीं। मैंने एक बार एक बहुत demanding client के साथ काम किया था सिर्फ पैसों के लिए – वो 3 महीने mental peace खराब कर दी। रात-रात भर phone करता था, weekends पे भी काम मांगता था। उसके बाद से selective हो गया।

Payment terms भी clear रखो शुरू में। 50% advance लेना सीख लो, especially नए clients से। मैंने एक बार बिना advance लिए एक Delhi के client के लिए काम कर दिया, बाद में payment के लिए 2 महीने भागना पड़ा।
Freelancing आसान नहीं है पर impossible भी नहीं। India में अब बहुत scope है freelancing का। COVID के बाद तो companies भी remote workers को prefer कर रही हैं। बस mehnat, patience, और थोड़ा smart work चाहिए।
याद रखो – पहला client मिलने में time लगता है, पर एक बार काम शुरू हो गया तो खुद-ब-खुद रास्ता बन जाता है।

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